लाखों की दौड़ में हर किसी को पीछे ना खीच पायेगा, खुद आगे बढ़ना सीख ले I
उसकी कामयाबी पर किस्मत का सेहरा ना सजा, अपनी किस्मत से भी लड़ना सीख ले I
मत रोक खुद को, बढ़ने दे ये कदम, हर मंजिल की एक सीढी है, बस तू सीढी चढ़ना सीख ले I
नज़रें उठा ऊपर, आसमां इतना भी ऊँचा नहीं, तुझे भी पर दिए हैं उसने, बस तू उड़ना सीख ले I
कई मिल जायेंगे ऐसे तेरी राहों में कांटे, हो जायेगा दूभर कुछ दूर चलना
उन्ही काँटों में तू बगिया बनाना सीख ले I
तुझे भी पर दिए हैं उसने, बस तू उड़ना सीख ले I
बढ़ते लड़ते कुछ कर जा ऐसा, ये दुनिया तुझसे सीख ले I
तुझे भी पर दिए हैं उसने, बस तू उड़ना सीख ले I
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